शिक्षा प्रणाली किसी भी देश की प्रगति की नींव है जब यह नींव मजबूत होगी तभी उस देश का विकास संभव है और वह भी तब जब शिक्षा बिना किसी भेदभाव के समाज के प्रत्येक वर्ग को समान रूप से उपलब्ध हो।
उच्चतर शिक्षा सभी व्यक्तियों के लिए संभावनाओं के द्वार खोलती है जो उन्हें विपरीत परिस्थितियों से निकाल सकती है। इसी कारण सभी के लिए उच्चतर गुणवत्ता युक्त शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए प्रायः यह देखा गया है कि सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग शिक्षा से अछूता रह जाता है नई शिक्षा नीति सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े समूह पर विशेष बल देते हुए सभी छात्र छात्राओं तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की समान पहुंच सुनिश्चित करती है।
एसईडीजी (सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) के शिक्षा से अछूता रह जाने के बहुत से कारण है। जो स्वयं में कारण एवं प्रभाव दोनों है इसके अंतर्गत उच्चतर शिक्षा के अवसरों की जानकारी का अभाव, आर्थिक- भौगोलिक बाधाएं, भाषाई अवरोध, विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त सहायता तंत्र की कमी को शामिल किया जाता है ये विद्यालय एवं उच्चतर शिक्षा प्रणाली दोनों में समान है इसलिए विद्यालय एवं उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में समता, समानता और समावेश से जुड़ा दृष्टिकोण एक समान होना चाहिए। अतः उच्चतर शिक्षा में समता, समानता और समावेशन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक प्रयास विद्यालय स्तर पर भी होने चाहिए।
इस प्रयोजनार्थ सभी सरकारों और उच्चतर शिक्षण संस्थानों द्वारा अपनाए जाने वाले महत्वपूर्ण कदम इस प्रकार है-
सार्वजनिक एवं निजी दोनों तरह के शिक्षण संस्थानों में एसईडीजी की शिक्षा के लिए आर्थिक वित्तीय सहायता और छात्रवृत्ति। एसईडीजी का नामांकन बढ़ाने के लिए उच्चतर शिक्षा के अवसरों और छात्रवृत्ति की जानकारी के लिए प्रचार प्रसार। प्रवेश प्रक्रिया में जेंडर संतुलन को बढ़ावा देना। ऐसे शिक्षण संस्थानों का निर्माण एवं विकास जो स्थानीय,भारतीय एवं द्विभाषीय रूप से शिक्षण कराये।
प्रवेश प्रक्रिया एवं पाठ्यक्रम को अधिक समावेशी बनाना। उच्चतर शिक्षा कार्यक्रमों को अधिक रोजगार परक बनाना। भेदभाव एवं उत्पीड़न के खिलाफ बने सभी नियमों को सख्ती से लागू करना। एसईडीजी से बढ़ती भागीदारी को सुनिश्चित करने से जुड़े विशिष्ट योजनाओं को शामिल करते हुए संस्थागत विकास योजनाओं का निर्माण करना जिनमें उपरोक्त बिंदु शामिल हो पर इन्हीं तक सीमित ना हो।
परंतु इस प्रकार की योजनाओं का लाभ समाज के व्यक्तियों को तभी प्राप्त हो पाएगा जब योजनाओं का लाभ उठाने वाले व्यक्तियों को इनकी संपूर्ण जानकारी होगी तथा उन्हें इस प्रकार की योजनाओं का संपूर्ण लाभ उठाने दिया जाएगा जिससे वे अपनी शिक्षा व जीवन के स्तर को ऊपर उठा सके और संपूर्ण समाज का विकास हो सके।
नेहा शर्मा,
सहायक आचार्य,
भूगोल विभाग।
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