गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय भारतीय उच्चतर शिक्षा व्यवस्था हेतु एक नया और भविष्य मुखी दृष्टिकोण


गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय भारतीय उच्चतर शिक्षा व्यवस्था हेतु एक नया और भविष्य मुखी दृष्टिकोण

नई शिक्षा नीति 2020  मे गुणवत्तापूर्ण महाविद्यालय बनाने हेतु उच्च शिक्षा व्यवस्था में भविष्य को दृष्टिगत करते हुए बहुत सारे बदलावों को प्रस्तुत किया गया है तथा नए नियम बनाए गए हैं ताकि राष्ट्र के आर्थिक विकास और अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सके 21वीं सदी में देश को अच्छे और बहुमुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्तियों की आवश्यकता होगी समाज में इतने सक्षम व्यक्ति बनाने हेतु उच्च शिक्षा में बहुत से बदलाव किए गए हैं जो 2020 से लागू किए जा रहे हैं सभी विषयों जैसे कला, सामाजिक विज्ञान भाषा, तकनीकी व्यवस्था, आदि में निपुण किया जा सके सभी का समग्र संपूर्ण विकास हो । सामाजिक स्तर पर भी जागरूक, सक्षम व समस्याओं का समाधान करने वाले नागरिक तैयार किए जाएं सभी उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति अधिक सामंजस्य पूर्ण तथा उत्पादक बने और। प्रगतिशील राष्ट्र का निर्माण करें, उच्च शिक्षा की सभी पूर्व समस्याओं का समाधान किया जाए जैसे विषयों का कठोर विभाजन, सीखने पर कम पर रटने पर अधिक दबाव, शोध की कमी, नेतृत्व क्षमता का अभाव, शिक्षा में असमरूपता  सीमित शिक्षक इत्यादि। यह नीति आमूलचूल परिवर्तन के लिए प्रतिबंध है इसके अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण समान , अवसर देने वाले व समावेशी उच्चतर शिक्षा सभी को मिले इसका प्रयास किया गया है उच्च शिक्षा बहु विषयक की जाए पूरे देश में संकाय चुनने की स्वायत्तता हो हर व्यक्ति को सभी संकायो को मिलाकर अपने विषय क्षेत्र चुनने का अधिकार हो, विद्यार्थियों हेतु अनुभव परख मूल्यांकन लागू हो, अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाए इस हेतु राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी। प्रोफेशनल शिक्षा सहित उच्चतर शिक्षा में लचीलापन लाया जाएगा, सार्वजनिक शिक्षा के अवसरों को बढ़ावा देने हेतु छात्रवृत्ति योजनाओं में बढ़ावा वृद्धि की जाएगी, ओपन स्कूलिंग, ऑनलाइन शिक्षा तथा दूरस्थ शिक्षा पर जोर दिया गया है तथा उच्चशिक्षा के बुनियादी ढांचे को बदलने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।

रेखा गुप्ता,

पुस्तकालयाध्यक्ष।

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