17 अप्रैल-‘विश्व हीमोफीलिया दिवस’
।।गणगौर।।
मलेरिया दिवस
! 5 अप्रैल-राष्ट्रीय समुद्र दिवस !!*
अप्रैल-अंतर्राष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस*
1 अप्रैल* -ओडिशा दिवस और अंधता निरोधक जागरूकता सप्ताह
_2 अप्रैल- विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस_*
विश्व स्वास्थ्य दिवस'- 7 अप्रैल*
सार्वजनिक स्वास्थ्य में होम्योपैथी का बढ़ता दायरा* (10 अप्रैल को 'विश्व होम्योपैथी दिवस')
भारत के सामाजिक और राजनीतिक विरासत के अमूल्य रत्न-अंबेडकर*
- डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि को पूरे देश में ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
21 अप्रैल,'सिविल सेवा दिवस'*
'ब्लॉग'- मेरे बाद भी मुझे जिंदा रखेगा।
भारत ही नहीं, विश्व का कोई भी देश हो, उसके आर्थिक, सामाजिक, कलात्मक और सांस्कृतिक विकास में कौशल का महत्त्वपूर्ण योगदान माना जाता है। वस्तुतः मेरी दृष्टि में कौशल एक तपस्या है, एक ऐसी साधना है, जिसके द्वारा युवाओं को व्यावसायिक सशक्तता और सामर्थ्य प्रदान कर, आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया जा सकता है। देश काल के अनुरूप दिए गए इस प्रशिक्षण के माध्यम से न केवल युवाओं के जीवन में वरन, विश्व संस्कृति के हर घटक में अभूतपूर्व सकारात्मक और रचनात्मक परिवर्तन के साथ, मानव सभ्यता के विकास के अनंत क्षितिज खोले जा सकते हैं-
उन अनंत क्षितिजों के प्रथम तोरण द्वार पर माहेश्वरी गर्ल्स पी. जी. कॉलेज, प्रताप नगर के ब्लॉग 'MGPGC- सृजन-संसार' में आपका अन्तःस्थल से अभिनंदन।
"कौन कहता कि मौत आएगी, तो मैं मर जाऊंगी,
दरिया हूँ मैं, समन्दर में गहरे तक उतर जाऊंगी।"
क्या आपने कभी सोचा है कि कौन मुझे मेरे मरने के बाद भी जिंदा रखेगा? आज के संदर्भ में कहूँ, तो ये ब्लॉग की दुनिया मेरी जिंदगी में तो मेरे साथ है ही, मौत के बाद भी मेरा नाम और काम रहेगा ही रहेगा। ब्लॉग लेखन का काम करते हुए, अक्सर मुझे 'नदीम' का यह शेर याद आ जाता है। आज की यह ब्लॉग की दुनिया समंदर ही तो है, जिसमें मेरी जैसे न जाने कितने दरिया आकर समा जाते हैं। आइए, नदियों की कुछ उन धाराओं की बात करें, जो ब्लॉग के इस समंदर के सरताज़ बन गए हैं-
यदि आप ब्लॉग के बारे में जरा सा भी जानते हैं, तो आपने अमित अग्रवाल का नाम तो अवश्य सुना होगा-
अमित अग्रवाल, वो पहले भारतीय है, जिन्होंने ब्लॉगिंग कि दुनिया में अपना हाथ आज़माया और सफलता की ऊँचाइयों को स्पर्श किया। अमित अग्रवाल तकनीक के महारथी थे, और लेखन उनकी अभिरुचि थी। उन्होंने दोंनो का संगम कर, उसे एक मंच पर ला खड़ा किया। इस प्रकार वे भारत के पहले पेशेवर ब्लॉगर बन गए। उन्होंने सच्चे अर्थों में ब्लॉगिंग को व्यवसाय के रूप में स्थापित करने का महत्वाकांक्षी कदम उठाया और उस स्वप्न को साकार कर दिखाया। स्कूलिंग के बाद उन्होंने आई.आई.टी.-रुड़की से कंप्यूटर साइंस में अपनी बी.-टेक. की पढ़ाई पूरी कर, 5 साल शानदार उच्च प्रोफाइल और हाई पैकेज की नौकरी करने के पश्चात वर्ष 2004 में अपनी जन्मभूमि आगरा आकर Labnol (डिजिटल प्रेरणा) नामक एक तकनीकी ब्लॉग लॉन्च किया और आज वे करोड़ों के प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं।
यूँ तो आज हिंदी और अंग्रेजी ब्लॉग की दुनिया में हजारों लाखों व्यक्ति अपना करियर बना रहे हैं, पर आइए, आपका एक ऐसे हिंदी साहित्यकार से परिचय करवाती हूँ, जो आज हिंदी के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगरों में से एक माने जाते हैं-'रविन्द्र प्रभात'।
कविता के साथ-साथ 'रविन्द्र प्रभात' को व्यंग्य और ग़ज़ल लेखन के लिए प्रसिद्धि मिली पर आज उनकी पहचान ब्लॉग लेखक के रूप में स्थापित हो चुकी है। उन्होंने ही हिन्दी ब्लॉग आलोचना का सूत्रपात किया। उन्हें हिंदी ब्लॉगिंग जगत में 'न्यू मीडिया विशेषज्ञ' के तौर पर जाना जाता है। अब तक उन्हें ब्लॉगिंग के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है। ‘हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास’ लिखने वाले वे पहले भारतीय हैं। इनके ही प्रयासों से ब्लॉग साहित्यिक पुरस्कार 'परिकल्पना सम्मान' शुरू किया गया है। यह सम्मान प्रत्येक वर्ष आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन में देश-विदेश से आए जाने-माने ब्लॉगर्स की उपस्थिति में दिया जाता है। इस सम्मान को बहुचर्चित तकनीकी ब्लॉगर 'रवि रतलामी' ने ‘हिन्दी ब्लॉगिंग का ऑस्कर’ कहा है। आज साहित्यिक उत्सवों की तरह ही ‘ब्लॉगोत्सव’ के आयोजन भी शुरू हो गए हैं। इसके अंतर्गत प्रमुख रचनाकार एक मंच पर एकत्रित होकर नवागंतुक ब्लॉगर रचनाकारों को एक नया सकारात्मक संदेश दे रहे हैं। आपको भी आपकी स्वर्णिम संभावनाएं पुकार रही हैं।
ब्लॉग'MGPGC- सृजन-संसार' छात्राओं की ब्लॉग लेखन कला और रचनात्मक लेखकीय कौशल क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि कर, उन्हें प्रतिभा प्रदर्शन और धनार्जन दोंनो के लिए तैयार करेगा।
इसी महत्ता को देखते हुए ही, महाविद्यालय की छात्राओं को ब्लॉग क्रिएशन एंड डिजाइनिंग कोर्स करवाया गया है, जिसमें ब्लॉग बनाना, डिज़ाइन करना, पोस्ट कर उसे डिज़ाइन करना, पेज और टेम्पलेट बनाकर, उन्हें डिज़ायन करने के तरीके को चित्रों और पीपीटी के माध्यम से समझाने का एक लघु प्रयास किया गया। मुझे यह बताते हुए अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है कि महाविद्यालय का यह ब्लॉग 'MGPGC- सृजन-संसार' उन्हीं के सद्प्रयासों का परिणाम है। वे इसे उत्तरोत्तर समृद्ध कर श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम की यात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न करेंगी, ऐसा मेरा विश्वास है।
इस लघु प्रयास के मूल में प्रिंसिपल मैडम डॉ. शुभा शर्मा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। सॉफ्टवेयर डेवलपर श्री नितेश ज्योतिषी ने अपनी तकनीकी सहायता देकर हमारे इस कार्य को सुगम कर दिया, उनका हृदय से आभार। शिक्षा नवाचारों को प्राथमिकता प्रदान कर, उन्हें कार्यरूप में परिणति के लिए आवयश्क मंच उपलब्ध करवाने हेतु 'दी एजुकेशन कमेटी ऑव माहेश्वरी समाज, जयपुर' का अंतर्मन से साधुवाद।
डॉ.मधु गुप्ता
समन्वयक, ब्लॉग क्रिएटिंग सर्टिफिकेट कोर्स,
सह-आचार्य, माहेश्वरी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज,
सेक्टर-5, प्रताप-नगर, जयपुर।
यह निम्नलिखित कंटेंट केवल मोड्यूल बुक में मेरे वाले मैटर में अंत में जुड़ेगा।
बाकी मोड्यूल बुक में भी हम पांचों का यही मैटर फ़ोटो के साथ छपेगा।
आपको इस मॉड्यूल बुक में ब्लॉग- क्या, क्यों और कैसे जैसे प्रश्नों का उत्तर मिलेगा। इसमें ब्लॉग बनाना, डिज़ाइन करना, पोस्ट कर उसे डिज़ाइन करना, पेज और टेम्पलेट बनाकर, उन्हें डिज़ायन करने के तरीके को चित्रों के माध्यम से समझाने का एक लघु प्रयास किया गया है। कहीं कोई त्रुटि रह गई हो, तो आपके सुधी सुझाव मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
इस लघु प्रयास के मूल में प्रिंसिपल मैडम डॉ. शुभा शर्मा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। सॉफ्टवेयर डेवलपर श्री नितेश ज्योतिषी ने अपनी तकनीकी सहायता देकर हमारे इस कार्य को सुगम कर दिया, उनका हृदय से आभार। शिक्षा नवाचारों को प्राथमिकता प्रदान कर, उन्हें कार्यरूप में परिणति के लिए आवयश्क मंच उपलब्ध करवाने हेतु 'दी एजुकेशन कमेटी ऑव माहेश्वरी समाज, जयपुर' का अंतर्मन से साधुवाद।
नई शिक्षा नीति-2020- 'आशा की नई किरण'
'नई शिक्षा नीति-2020' भारत के शैक्षणिक इतिहास में एक नई आशा की किरण लेकर आई है। शिक्षाविदों का मानना है कि यह न केवल शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं वरन, भारत के चहुँमुखी विकास में महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। सम्माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में 'स्किल इंडिया' जैसी प्रगतिशील अवधारणा प्रस्तुत की गई है, जो भारत में बेरोजगारी को मुँहतोड़ जवाब देकर, युवा भारतीयों को व्यवसाय के विविध अवसर प्राप्त करवा रही है।
मेरा मानना हसि कि आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करना है, तो हमारे लिए यह नितांत आवश्यक है कि भारत का हर युवा विविध वर्णी कौशल से संपन्न हो। वह केवल अपनी रोजी रोटी ही न कमा सके, वरन देश के आर्थिक, सामाजिक, कला और सांस्कृतिक क्षेत्र में अपने कौशल का उपयोग करते हुए, भारत को विश्व गुरु की पदवी पर स्थापित करने का संकल्प लें।
मुझे यह देख और सुन कर अतीव हर्ष की अनुभूति हो रही है कि माहेश्वरी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज, प्रताप नगर, जयपुर ने इस परिपेक्ष्य में अपनी युवा छात्राओं को रोजगारोन्मुख शिक्षा देने का संकल्प निभाते हुए, विभिन्न 'शार्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स' प्रारंभ किए हैं, जिसमें सर्वप्रथम छात्राओं को 'ब्लॉग क्रिएशन एवं डिजाइनिंग सर्टिफिकेट कोर्स' करवाया गया, जिसके अंतर्गत महाविद्यालय की छात्रोंओं ने महाविद्यालय का अपना ब्लॉग 'MGPGC- सृजन-संसार' बनाया और उस पर अपनी रचनाएँ पोस्ट की। अब आप ब्लॉग संसार से परिचित हो चुके हैं, खुद लिखेंगे दूसरों के पढ़ेंगे। ज्ञान, विज्ञान और तकनीकी के नूतन क्षितिजों को न केवल खोजेंगे, वरन अपनी अभिरुचि के अनुकूल नया संसार रच डालेंगे, साथ ही समस्त शिक्षकों ने भी अपने ब्लॉग पोस्ट कर महाविद्यालय के ब्लॉग 'MGPGC- सृजन-संसार' की महत्ता में अभिवृद्धि करने का सराहनीय प्रयास किया है। मुझे आशा ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास है कि शीघ्र ही यह ब्लॉग 'MGPGC- सृजन-संसार' बड़ी संख्या में पाठकों का ध्यान आकर्षित करने में सफलता प्राप्त कर, लोकप्रियता के शिखर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाएगा।
उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ।
कैलाश चंद्र अजमेरा,
मानद सचिव,
दी एज्युकेशन कमेटी ऑव माहेश्वरी समाज(सोसायटी), जयपुर।
युवा-'आत्मनिर्भर भारत का आधार'
माहेश्वरी गर्ल्स पी. जी. कॉलेज ब्लॉग 'MGPGC- सृजन-संसार' के शुभारंभ पर हार्दिक बधाई।
व्यावसायिक शिक्षा कौशल, जो युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर, उन्हें व्यावसायिक कुशलता की ऊँचाइयों तक पहुँचा सकता है, का ऐसा रचनात्मक श्री गणेश मेरे लिए कल्पना से परे था, पर आपने इसे साकार कर दिखाया है। आज आपने ब्लॉग की जिस डिजिटल दुनिया में कदम रखा है, मेरा दृढ़ विश्वास है कि आप साहित्य और लेखन के विविध नवीन आयाम खोल, अपनी उत्कृष्ट और विलक्षण प्रतिभा से माहेश्वरी गर्ल्स पी. जी. कॉलेज, प्रताप नगर, जयपुर को शैक्षिक जगत के उत्तुंग शिखर पर स्थापित करेंगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को प्रासंगिक रखने के लिए स्किल, रीस्किल और अपस्किल का मंत्र दिया है। इस मंत्र का उपयोग कर आप सब युवा अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं, पर इसके लिए कौशल विकास कार्यक्रम हमें बिल्कुल निचले स्तर से शुरू करके हर गांव, हर शहर, हर राज्य को सम्मिलित करते हुए, राष्ट्र स्तर से इसे अंतरराष्ट्रीयता तक पहुँचाना होगा, तब न केवल आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना जीवंत हो उठेगी, वरन विश्व पटल पर भारत के युवा को एक नई पहचान मिलेगी।
हम सब जानते हैं कि वर्ष 2030 तक भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा कार्यबल होगा। इसमें युवाओं की भारी संख्या होगी। युवा वर्ग को प्रशिक्षण प्रदान कर, उन्हें भविष्य के लिए यदि हमने तैयार कर दिया, तो कौशल विकास और स्किल इंडिया के नए शिलालेख गढ़ने से हमें कोई नहीं रोक पाएगा, क्योंकि यह कौशल विकास कार्यक्रम और उद्यमशीलता युवाओं को 21वीं सदी के अनुसार नवीन तकनीकी और गुणवत्ता से परिपूर्ण कर, देश के सर्वांगीण विकास में अपनी भागीदारी निभाकर, आत्मनिर्भर भारत के विज़न को एक नई दिशा प्रदान करेगा।
दी एजुकेशन कमेटी ऑव माहेश्वरी समाज, जयपुर देश में औद्योगिक माँग के अनुसार कुशल मानव संसाधन तैयार कर, मांग और पूर्ति के गैप को भरने के लिए कृतसंकल्प हो, समान अवसर प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भागीदारी निभा रहा है। आपकी यह व्यावसायिक कुशलता केवल एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र को भी आगे बढ़ाएगी । सही अर्थों में देखा जाए, तो भविष्य में कौशल ही वह माध्यम, वह सशक्त साधन होगा, जो युवा शक्ति को आत्मनिर्भर बना कर, राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा। निश्चय ही माहेश्वरी गर्ल्स पी. जी. कॉलेज, प्रताप नगर, जयपुर भविष्य में अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के लिए प्रेरणादायक साबित होगा। अतः कौशल विकास और उद्यमशीलता विभागों , राज्य सरकारों के प्रशिक्षण भागीदारों एवं विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के साथ मिलकर युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के आपके सद्प्रयासों को मैं हृदय से मंगलकामना देता हूँ। माहेश्वरी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज, जयपुर ने राष्ट्र की भावी पीढ़ी की कर्णधार छात्राओं को शैक्षणिक और सहशैक्षणिक विकास के साथ साथ विभिन्न सर्टिफिकेट कोर्सेज के माध्यम से कुशल व्यावसायिकता का प्रशिक्षण देने का गुरुतर उत्तरदायित्व उठाया है। इसी श्रृंखला में दिनाँक 8 अप्रैल 2021 को 'ब्लॉग सर्टिफ़िकेट कोर्स' के पहले बैच का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। ब्लॉग की यह दुनिया न केवल छात्राओं का भाषायी संस्कार करेगी, बल्कि एक कदम और आगे बढ़ कर उनकी साहित्यिक अभिरुचि को परिष्कृत कर साहित्य सृजन कला का मार्ग प्रशस्त करेगी।
इस भगीरथ प्रयास के लिए महाविद्यालय के प्रत्येक घटक का साधुवाद।
नटवर लाल अजमेरा,
महासचिव शिक्षा,
दी एजुकेशन कमेटी ऑव माहेश्वरी, समाज(सोसायटी), जयपुर।
MGPGC- 'सृजन-संसार'- 'व्यवसायिक शिक्षा का तुमुल जयघोष'
"तरुण! विश्व की बागडोर लो, तुम अपने कौशल कर में,
स्थापित कर दो उत्कृष्टता, जन-जन के तन और मन में।
उठे देश सबके कंधों पर, करे गति प्रगति के प्रांगण में,
पृथ्वी को रख दो उठा कर, नील-गगन के आंगन में।"
महाविद्यालय के ब्लॉग- 'MGPGC- सृजन-संसार' तोरणद्वार पर शत शत अभिनंदन।
इस सत्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि युवा किसी भी देश के आधारस्तम्भ होते हैं। आज भारत एक युवा देश है। यहाँ की 65% जनसंख्या युवा है। हमारे युवाओं में वह जीवट, वह हुनर, वह सामर्थ्य है, जिसके बल पर भारत को विश्व की कौशल विकास की विशाल प्रयोगशाला बनाया जा सकता है और तब विश्व पटल पर भारत का नाम स्वर्ण अक्षरों में उत्कीर्ण कर, एक बार फिर से इसे सोने की चिड़िया बनने से कोई नहीं रोक पाएगा। बस शर्त एक ही है, कि माननीय प्रधानमंत्री के 'लोकल को वोकल' मंत्र का अनुसरण कर हमें स्थानीय स्तर पर स्किल की पहचान कर, युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही प्रशिक्षित करना होगा तथा उन्हें स्थानीय स्तर पर ही विभिन्न स्वरोजगार, लघु इकाइयों और वृहद उत्पादक यूनिट से जोड़ कर, आजीविका के स्थाई अवसर अधिक से अधिक सृजित करने होंगे।
मुझे यह कहते हुए अत्यंत हर्ष एवं गर्व की अनुभूति हो रही है कि माहेश्वरी गर्ल्स पी. जी. कॉलेज, प्रताप नगर, जयपुर ने कौशल भारत की इस दहलीज़ पर 'ब्लॉग क्रिएशन एवं डिजाइनिंग सर्टिफिकेट कोर्स' के साथ अपना पहला अंगद कदम रख कर, व्यवसायिक शिक्षा का तुमुल जयघोष कर दिया है। कॉलेज का यह ब्लॉग 'MGPGC- सृजन-संसार' युवा छात्राओं के भाषायी कौशल और संस्कार को परिमार्जित कर उत्कृष्टता के उच्च स्तर तक पहुँचाएगा।
आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए महाविद्यालय युवा छात्राओं के लिए शार्ट टर्म कोर्सेज के असंख्य विकल्प रख 'कुशल भारत' के इस महत्वाकांक्षी मिशन में अपने कर्म की आहुति पूरे प्राण प्रण से अर्पित कर रहा है।
मेरा सभी राष्ट्र निर्माता शिक्षकों से अनुरोध है, कि वह अपना दृष्टिकोण 'नवीन शिक्षा नीति -2020' के अनुसार बदल कर कुशल भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करें।
मैं आप सभी युवा छात्राओं को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हमारा एक मात्र उद्देश्य कलात्मक, डिजिटल, प्रौद्योगिकी और डिजिटल विनिर्माण आदि कौशलों का विकास कर, आपमें से हर एक को राष्ट्रीय कौशल मिशन से जोड़ते हुए, राष्ट्र की पहली पंक्ति में ला खड़ा करना है। 21वीं सदी के नए भारत की नींव रखी जा चुकी है। हम उस पर कौशल भारत की एक मजबूत इमारत स्थापित करें। मेरा आप सबसे इतना ही अनुरोध है कि अपनी सामर्थ्य और अपने कौशल को एक्स्प्लोर कर अपनी आवश्यकता और रुचि अनुसार विभिन्न कौशलों में स्वयं को पारंगत करें और 'स्किल इंडिया मिशन' को सफल बनाएं। वस्तुतःआप ही तो इंडिया है और आपसे ही इंडिया है। अतः यह मिशन आपका है, आपके लिए ही है और आपके द्वारा ही संचालित है।
हमारे महाविद्यालय के समर्पित और अनुभवी शिक्षकों और युवा छात्राओं ने अपने सामर्थ्य और कुशलता का परिचय देते हुए, कॉलेज का अपना ब्लॉग 'MGPGC- सृजन-संसार' प्रारम्भ किया है, इसके लिए अन्तःस्थल से ढेरों शुभकामनाएं।
मुझे हर्ष है कि आप नवाचार के क्षेत्र में अनेक नए प्रयोग करते हुए, भविष्य की उज्ज्वल संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं और करती रहेंगी। मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि इस ब्लॉग 'MGPGC- सृजन-संसार' के माध्यम से आप अपनी लेखनी को तेज धार प्रदान कर, साहित्य के क्षेत्र में नई पहचान बना पाएँगी। दी एजुकेशन कमेटी ऑव माहेश्वरी समाज, जयपुर सदा आपके साथ था, है और रहेगा।
इसी घनीभूत आशा और सुदृढ़ विश्वास के साथ हार्दिक शुभकामनाएँ।
प्रदीप बाहेती
चेयरमैन,
दी एजुकेशन कमेटी ऑव माहेश्वरी समाज(सोसायटी), जयपुर
ब्लॉग-'असीम संभावनाओं का द्वार'
भारत को विश्व पटल पर 'कौशल राजधानी' के रूप में स्थापित करने के लिए 'कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय' ने दुनिया भर में कुशल भारतीय युवाओं को मान्यता दिलवाने की खातिर 'कौशल विकास कार्यक्रम' का आह्वान किया है। इसी परिपेक्ष्य में 'नवीन शिक्षा नीति 2020' में तमाम विश्विद्यालयों और महाविद्यालयों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे शिक्षा को रोजगार से जोड़ें। 'नवीन शिक्षा नीति- 2020' का सफल क्रियान्वयन कर, देश, प्रदेश, विदेश की कुशल औद्योगिक मानव संसाधनों की मांग की पूर्ति कर, भारतीय युवाओं को राष्ट्र विकास की मुख्य धारा में लाना ही माहेश्वरी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज, प्रताप नगर, जयपुर का एकमात्र उद्देश्य है। इसी उद्देश्य पूर्ति की राह में हमारा पहला नन्हा कदम यह ब्लॉग 'MGPC- सृजन-संसार' है।
आज ब्लॉगिंग को साहित्यिक विधा का दर्जा नहीं दिया जा रहा है, पर वह दिन दूर नहीं, जब ब्लॉगिंग को साहित्य के क्षेत्र में एक सम्मानजनक और उच्च दर्जा प्राप्त होगा, क्योंकि यह विचारों को प्रस्तुत करने का नवीनतम माध्यम है। इसीलिए महाविद्यालय प्रशासन ने छात्राओं और फैकल्टी दोनों के लिए 'ब्लॉग क्रिएशन सर्टिफिकेट कोर्स' का शुभारम्भ का निर्णय लिया है।
बच्चों, यह कोर्स उस टेक्निकल दुनिया की तरफ आपका पहला कदम है, जहाँ से आपको अपने स्वर्णिम भविष्य का विशाल आसमान दिखाई देने लगेगा। यह कोर्स ब्लॉग की दुनिया का वह द्वार है, जहाँ से आपको व्यवसाय और जीवन की असीमित संभावनाएँ नज़र आएंगी।
वस्तुतः साहित्यिक विचार हों, या सामाजिक चर्चाएं, सांस्कृतिक सरोकार हों या वैज्ञानिक प्रगति, खेलकूद से संबंधित ब्यौरे हों या शिक्षा और ज्ञान का भंडार, संस्कारों की बात हो या नैतिकता का विषय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समस्याओं का क्षितिज हो या आर्थिक परिदृश्य, आप अपनी अभिरुचि के अनुरूप हर बिंदु पर ब्लॉग लिख कर दुनिया के कोने कोने में पहुँच सकते हैं। इस बात में रत्ती भर भी अतिशयोक्ति नहीं कि आज ब्लॉगिंग अभिव्यक्ति का एक ऐसा अधुनातन माध्यम है, जो अन्य सभी माध्यमों में सर्वाधिक सशक्त माध्यम के रूप में उभर कर आ रहा है। वस्तुतः ”ब्लॉग एक ऐसी ऑनलाइन जगह है, जहाँ आप अपने विचारों को लेखों, चित्रों और फ़ोटो के माध्यम से इन्टरनेट पर प्रकाशित कर सकते हैं। |"
अभी आप उम्र की बढ़ती उस दहलीज़ पर खड़े हैं, जहाँ से कोई लंबी चौड़ी बातें नहीं, बस सीधी सादी भाषा में ब्लॉग पर आप अपनी पिकनिक या किसी व्यक्ति का वृतांत, कोई आँखों देखी घटना या दिल को छू जाने वाले कोई दृश्य के विषय में लिख सकते हैं। आप अपने ज्ञान और अनुभव से जुड़ी रचनाओं को अपने ब्लॉग पर पोस्ट कर सकते हैं-जैसे मैथ्स के टिप्स, विज्ञान के डायग्राम, केमिस्ट्री फिजिक्स के पेचीदा सवाल, आर्ट ऑफ क्राफ्ट के नमूने , पाक शास्त्र का कोई नायाब हुनर, अपनी कहानी, कविता, यात्रा वृतांत, रिपोर्ट, संस्मरण, स्वास्थ्य और आहार से संबंधित जानकारी, कोई मोबाइल टिप्स या कोई टेक्नोलॉजी के नए अपडेट, कुछ भी, जो आप सबसे बाँटना चाहते हैं, आज लोग ब्लॉग पर लिखकर न केवल पैसा कमा रहे हैं, साथ ही लोकप्रियता के साथ जरूरतमंदों की सेवा भी कर रहे हैं।
इस ' ब्लॉग 'MGPGC- सृजन-संसार' में अपनी भागीदारी निभाकर आप भी उनमें से एक हो सकते हैं।
"परिन्दें ने एक उड़ान भर ली हैं,
पंखों का इम्तिहान बाकी है।
जीती हैं बस चंद पहाड़ियाँ,
अनंत आसमान अभी बाकी हैं।"
यह तो आगाज़ है, आगे आगे देखिए होता है क्या?
आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ-
प्रो. (डॉ.) शुभा शर्मा,
प्रिंसिपल, माहेश्वरी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज,
सेक्टर-5, प्रताप-नगर, जयपुर।
विश्व व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य दिवस'* (29 अप्रैल)
26 अप्रैल- विश्व बौद्धिक संपदा दिवस
18 अप्रैल - विश्व धरोहर दिवस
ब्लॉग -असीम संभावनाओं का द्वार
आज ब्लॉगिंग को साहित्यिक विधा का दर्जा नहीं दिया गया जा रहा है, पर वह दिन दूर नहीं, जब ब्लॉगिंग को साहित्य के क्षेत्र में एक सम्मानजनक और उच्च दर्जा प्राप्त होगा, क्योंकि यह विचारों को प्रस्तुत करने का नवीनतम माध्यम है।
साहित्यिक विचार हों, या सामाजिक चर्चाएं, सांस्कृतिक सरोकार हों या वैज्ञानिक प्रगति, खेलकूद से संबंधित ब्यौरे हों या शिक्षा और ज्ञान का भंडार, संस्कारों की बात हो या नैतिकता का विषय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समस्याओं का क्षितिज हो या आर्थिक परिदृश्य, आप अपनी अभिरुचि के अनुरूप हर बिंदु पर ब्लॉग लिख कर, दुनिया के कोने कोने में पहुँच सकते हैं। इस बात में रत्ती भर भी अतिशयोक्ति नही कि आज ब्लॉगिंग अभिव्यक्ति का एक ऐसा अधुनातन माध्यम बन गया है, जो अन्य सभी माध्यमों मैं सर्वाधिक सशक्त माध्यम के रूप में उभर कर आ रहा है। वस्तुतः ”ब्लॉग एक ऐसी ऑनलाइन जगह है, जहाँ आप अपने विचारों को लेखों, चित्रों और फ़ोटो के माध्यम से इन्टरनेट पर प्रकाशित कर सकते हैं।"
अभी आप उम्र की बढ़ती उस दहलीज़ पर खड़े हैं, जहाँ से कोई लंबी चौड़ी बातें नहीं, बस सीधी सादी भाषा में ब्लॉग पर आप अपनी पिकनिक या किसी व्यक्ति का वृतांत, कोई आँखों देखी घटना या दिल को छू जाने वाले कोई दृश्य के विषय में लिख सकते हैं। आप अपने ज्ञान और अनुभव से जुड़ी रचनाओं को अपने ब्लॉग पर पोस्ट कर सकते हैं-जैसे मैथ्स के टिप्स, विज्ञान के डायग्राम, केमिस्ट्री फिजिक्स के पेचीदा सवाल, आर्ट ऑफ क्राफ्ट के नमूने , पाक शास्त्र का कोई नायाब हुनर, अपनी कहानी, कविता, यात्रा वृतांत, रिपोर्ट, संस्मरण, स्वास्थ्य और आहार से संबंधित जानकारी, कोई मोबाइल टिप्स या कोई टेक्नोलॉजी के नए अपडेट, कुछ भी, जो आप सबसे बाँटना चाहते हैं, आज लोग ब्लॉग पर लिखकर न केवल पैसा कमा रहे हैं, साथ ही लोकप्रियता के साथ जरूरतमंदों की सेवा भी कर रहे हैं।
इस 'ब्लॉग क्रिएशन सर्टिफिकेट कोर्स' को करने के पश्चात आप भी उनमें से एक हो सकते हैं।
आपके उज्जवल भविष्य की कामना के साथ।
डॉ. शुभा शर्मा
प्रिंसिपल, माहेश्वरी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज,
सेक्टर-5, प्रताप-नगर, जयपुर।
ब्लॉग-मुझे मेरे बाद भी मुझे ज़िंदा रखेगा।
"कौन कहता कि मौत आएगी तो मैं मर जाऊंगी,
दरिया हूँ मैं समन्दर में गहरे तक उतर जाऊंगी।"
क्या आपने कभी सोचा है कि कौन मुझे मेरे मरने के बाद भी जिंदा रखेगा? आज के संदर्भ में कहूँ, तो ये ब्लॉग की दुनिया मेरी जिंदगी में तो मेरे साथ है ही, मौत के बाद भी मेरा नाम और काम रहेगा ही रहेगा। ब्लॉग लेखन का काम करते हुए, अक्सर मुझे 'नदीम' का यह शेर याद आ जाता है। आज की यह ब्लॉग की दुनिया समंदर ही तो है, जिसमें मेरी जैसी न जाने कितने दरिया आकर समा जाते हैं। आइए, नदियों की कुछ उन धाराओं की बात करें, जो ब्लॉग के इस समंदर के सरताज़ बन गए हैं-
यदि आप ब्लॉग के बारे में जरा सा भी जानते हैं, तो आपने अमित अग्रवाल का नाम तो अवश्य सुना होगा-
अमित अग्रवाल वो पहले भारतीय है, जिन्होने ब्लॉगिंग कि दुनिया में अपना हाथ आज़माया और सफलता की ऊंचाइयों को स्पर्श किया। अमित अग्रवाल तकनीक के महारथी और पर लेखन उनकी अभिरुचि थी उन्होंने दोनों का संगम करा कर उसे एक मंच पर ला खड़ा किया इस प्रकार वे भारत के पहले पेशेवर ब्लॉगर बन गए। इन्होंने सच्चे अर्थों में ब्लॉगिंग को व्यवसाय के रूप में स्थापित करने का महत्वकांक्षी बीड़ा उठाया और स्वप्न को साकार कर दिखाया।। वे बचपन से ही टेक्नोलॉजी के दीवाने तो थे ही सो स्कूलिंग के बाद उन्होंने आईआईटी-रुड़की से कंप्यूटर साइंस मैं अपनी बी-टेक की पढ़ाई पूरी कर 5 साल शानदार उच्च प्रोफाइल और हाई पैकेज की नौकरी करने के पश्चात वर्ष 2004 में अपने जन्म भूमि आगरा आकर Labnol (डिजिटल प्रेरणा) नामक एक तकनीकी ब्लॉग लॉन्च किया और आज करोड़ों के प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं।
यूँ तो आज हिंदी और अंग्रेजी ब्लॉग की दुनिया में हजारों लाखों व्यक्ति अपना करियर बना रहे हैं, पर आइए आपको एक ऐसे हिंदी साहित्यकार का परिचय करवाती हूँ, जो आज हिंदी के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगरों में से एक माने जाते हैं-'रविन्द्र प्रभात'।
कविता के साथ-साथ रविन्द्र प्रभात को व्यंग्य और ग़ज़ल लेखन के लिए प्रसिद्धि मिली पर आज उनकी पहचान ब्लॉग लेखक के रूप में स्थापित हो चुकी है। उन्होंने ही हिन्दी ब्लॉग आलोचना का सूत्रपात किया है। उन्हें हिंदी ब्लॉगिंग जगत में 'न्यू मीडिया विशेषज्ञ' के तौर पर जाना जाता है। अब तक उन्हें ब्लॉगिंग के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है ‘हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास’ लिखने वाले वे पहले भारतीय हैं। इनके ही प्रयासों से ब्लॉग साहित्यिक पुरस्कार 'परिकल्पना सम्मान' शुरू किया गया है। साल 2011 में उन्होंने 51 हिंदी ब्लॉगर्स को दिल्ली में 'परिकल्पना सम्मान' से सम्मानित कर ब्लॉगिंग को एक साहित्यिक विधा के रूप में स्थापित कर ब्लॉगर्स को
नई राह दिखाई। यह सम्मान प्रत्येक वर्ष आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन में देश-विदेश से आए जाने-माने ब्लॉगर्स की उपस्थिति में दिया जाता है। इस सम्मान को बहुचर्चित तकनीकी ब्लॉगर 'रवि रतलामी' ने ‘हिन्दी ब्लॉगिंग का ऑस्कर’ कहा है। आज साहित्यिक उत्सवों की तरह ही ‘ब्लॉगोत्सव’ के आयोजन भी शुरू हो गए हैं। इसके अंतर्गत प्रमुख रचनाकार एक मंच पर एकत्रित होकर नवागंतुक ब्लॉगर रचनाकारों को एक नया सकारात्मक संदेश दे रहे हैं। तो देरी किस बात की, तैयार हो जाइए। आपको भो आपकी स्वर्णिम संभावनाएं पुकार रही हैं।।
डॉ. मधुगुप्ता,
सह-आचार्य, हिंदी
माहेश्वरी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज,
सेक्टर-5, प्रताप-नगर, जयपुर
MAIN BETI HUN MERI MAA KI
मज़बूत माँ की मज़बूत बेटी हूँ। गिरी हूँ उठी हूँ और खरी हूँ, माँ की दुआ के सहारे ही चली हूँ , अपनी मेहनत से कामियाब तो हुई हूँ , लोगो की नफ़रत से गिरी हूँ , लेकिन फिर माँ की दुआ , के सहारे खड़ी हूँ , मैं मज़बूत माँ की मज़बूत बेटी हूँ।
NEVER GIVE UP
and iwould have to RETAKE
do it once again
BUT THERE ALSO LAYS A PRIZE
and that made me realise that
JEEVAN KE AADARSH MOOLY
आदर्श
विश्व में प्राचीन समय से लोगो को आदर्श का महत्व स्थापीत किया जा रहा है ब्रह्माज्ञानी को स्वर्ग तृण है, शूर को जीवन तृण है, जिसने इंद्रियों को वश में किया उसको स्त्री तृण-तुल्य जान पड़ती है, निस्पृह को जगत तृण है
सत्यग्रह के बल से ही हिंसा को कम किया जा रहा हे आदर्श जीवन का मूल मंत्र सदा जीवन उच्च विचार रामकथा’ विश्व के प्रत्येक हृदय को छूती है, इसलिए नहीं कि यह एक सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि इसलिए कि इसमें एक आदर्श जीवन के दर्शन मिलते हैं। विद्यार्थी जीवन के गुरू-शिष्य, पिता-पुत्र, माता-पुत्र, पति-पत्नी, स्वामी-सेवक, राजा-प्रजा अथवा भाई-भाई आदि सभी रिश्तों का महत्व राम के द्वारा प्राप्त होता हे नियमित आदर्श जीवन-दर्शन हे । राम के लिए माता-पिता के वचन क्या मायने रखते हैं यह उनके द्वारा सारे सुख-वैभव को ठुकराकर वनवास को सवीकार किया । लक्ष्मण भी बड़े भाई की सेवा का मार्ग चुनते हे यह एक आदर्श प्रस्तुत करते हैं। राम-लक्ष्मण दोनों भाईयों का प्रेम ऐसा है की उनकी आत्मा एक है। एक शिष्य के रूप में भी राम ने सदैव गुरू के आज्ञा का सम्मान किया है। मित्रता निभाते हुए कभी भी उन्होंने मित्र पर संदेह व संकोच नहीं किया और उन्होंने शत्रु की भावना नहीं रखी चाहे शत्रु का भाई ही क्यों न हो जैसे राम का भाई विभीषण । राम ने सेना का संगठित कर स्वावलम्बी बनाते हैं और उनकी आत्म शक्ति को बढ़ावा देते हैं। ASHA SWAMI
suman rajawat
माहेश्वरी गर्ल्स पी जी कॉलेज हमारा भारत कोरोना महामारी से जुझ रहा हैं
जिसमें लो
गो को बहुत परेसानी हो होरही है और बच्चे को भी तकलीफ़ हुई हैं
EDUCATION MEANING BY LEGENDS .
saare avagun dhoti siksha.
chahe jitna padh lein hum par,
kabhi na puri hoti siksha.
siksha paakar hi banate hain,
neta, afsar shikshak.
vaigyanik, yantri vyapaari,
yaa saadharan rakshak.
kartvyon ka bodh karaati,
adhikaaron ka gyan.
siksha se hi mil sakta hai,
sarvopari sammaan.
Buddhihin ko budhi deti,
agyani ko gyan.
siksha se hi ban sakta hai,
Bharat desh mahaan.''BY SHIVANI SAINI
SMILE IMPORTANT ON YOUR LIFE
such a beautiful word in world smile
smile is the best dose of all problem
every hman life in importaont fr smile
smile har kisi ki life buadal deta hbecause smile ek rote isan ko hasa deta h
aur kisi ke chehre par muskan lana
MTLB GOD KO KHUSH KARNA H
BY-PRIYANKA
KEEP SMILE ALWAYS EVERYONE
asha saini-school life
![]() |
school life is the best life. school ka first or last day same hota h.dono baar aankhon me
aasu hote h pr dono baar wjh alag hoti h.starting me sochte h ki yrr yeh school kb khtm
hogi,pr ab sochte h ki kash wapis school chale.
school ke bag ka burden hi aacha tha kyoki ab to yeh carier burden hi nhi sbhmlta.
sochti hu ki sb phale hi fix hota . 12th tk shi tha ki ek class pass krne ke baad next
class me jana. pr ab bhut option h pr choose nhi kr pa rhi ki what i do?
school life hi mst thi .dosto ke sath mje krna sb kuch yaad aate h
.teachersbaate yaadki aati h.
DREAM OF INNOCENT GIRL
MY NAME IS TANU RAJAWAT there is talk about dream of a simple innocent village girl . In The eyes of .she is very simple . but want to do many things for her family. she want do many things .she has many potentetail she bealive in hard work.
mamta saini.
Patchad main khilta fool
Savan main barsata badal he maa
har dhukh shukh ko shne wala,
asi mamta ka aanchal he maa










