सार्वजनिक स्वास्थ्य में होम्योपैथी का बढ़ता दायरा* (10 अप्रैल को 'विश्व होम्योपैथी दिवस')

*सार्वजनिक स्वास्थ्य में होम्योपैथी का बढ़ता दायरा* 
(10 अप्रैल को 'विश्व होम्योपैथी दिवस')

आज 10 अप्रैल है, जी हाँ, सब जानते हैं, कि आज की तारीख 10 अप्रैल है। 9 अप्रैल के बाद दस ही आती है जनाब, पर क्या खास बात है, आज के इस दिन में?

आइए, जानते हैं। 
आज, 10 अप्रैल को 'विश्व होम्योपैथी दिवस' मनाया जाता है। यह दिवस होम्योपैथी के जनक जर्मनी में जन्में
होम्योपैथी के पितामह डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुएल हैनीमैन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उनका जन्म 1755 में जर्मनी के मीसेन नामक शहर में हुआ था। वे केवल डॉक्टर ही नहीं थे, डॉक्टर होने के साथ-साथ एक महान शोधकर्ता, भाषाविद और उत्कृष्ट वैज्ञानिक भी थे। 

होम्योपैथी यूनानी शब्द है ?  यह दो शब्दों से मिलकर बना है- 'होमो' अर्थात 'समान' दूसरा शब्द है-'पैथॉस', जिसका अर्थ है 'बीमारी'। केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के अनुसार  होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति "समः समम शमयति" अर्थात समरूपता के सिद्धांत पर काम करती हैं। डॉ. हैनिमैन का ध्यान एक बार डॉ॰ कलेन के कुनैन के बारे में कहे गए वक्तव्य पर गया कि  ‘’यद्यपि कुनैन मलेरिया रोग को आरोग्‍य करती है, लेकिन यह स्‍वस्‍थ शरीर में मलेरिया जैसे लक्षण पैदा करती है।"
बस यही वक्तव्य हैनिमैन की होमियोपैथी चिकित्सा पद्घति की खोज का मूल बन गया। वस्तुतः होम्योपैथी वह चिकित्सा पद्धति है, जो इस विश्वास पर आधारित है कि हमारी बॉडी खुद को खुद ही ठीक कर सकती है। यह हमारी प्राकृतिक  रोग प्रतिरोधक सुरक्षा प्रणाली  को तेज कर, मजबूत बनाती है। 

इस पद्धति में मरीजों का इलाज होलिस्टिक दृष्टिकोण के माध्यम से नहीं, बल्कि मरीज की व्यक्तिगत विशेषता, उसकी आदतें,  उसका स्वभाव और प्रकृति को समझकर किया जाता है।  होम्योपैथिक की दवाई प्रभावी तो होती ही हैं, साथ  मीठी मीठी गोलियों में मिला कर दी जाती है, जिससे लोग इनका सेवन आसानी से कर सकते हैं, यहां तक कि बच्चे भी रुचिपूर्वक कर ले लेते हैं। और एक अत्यावश्यक बात, आपकी जेब पर बिल्कुल भी भारी नहीं, लागत भी बहुत ही कम होती है।

हाँ, यह जरूर है कि इन दवाओं का असर धीरे-धीरे होता है, लेकिन माना जाता है कि यह रोगों को जड़ से दूर कर देता है और सबसे खास बात तो यह है, कि होम्योपैथी की दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। ज्यादा नहीं पर तेज महक वाली वस्तुएं जैसे अदरक,लहसन आदि से परहेज करना जरूरी है। प्रैक्टो पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार "हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में तथा दिल की बीमारी की रोकथाम और मेमोरी को बढ़ाने में होम्योपैथी की दवाएं बहुत ही कारगर सिद्ध हुई है।

आज  दुनिया के 100 से भी ज्यादा देशों में मरीजों का इलाज होम्योपैथी विधि से सफलतापूर्वक किया जा रहा है। इसकी  मितव्ययिता, लोकप्रियता और उपयोगिता को देखते हुए, प्रतिवर्ष 'विश्व होम्योपैथी दिवस' पर कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन होता है। 
विश्व समुदाय में इस चिकित्सा पद्धति के बारे में भविष्य की रणनीतियों और आने वाली चुनौतियों को स्वीकार कर गहन शोध आदि के प्रति जागरूकता लाना इस दिवस का परम उद्देश्य है, ताकि वे स्वस्थ और सुखी जीवन व्यतीय कर सकें।

डॉ. मधु गुप्ता
सह-आचार्य, हिंदी विभागाध्यक्ष।

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