*विपो* *(WIPO)* अर्थात *'विश्व इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन'* संयुक्त राष्ट्र संघ की सबसे पुरानी विशिष्ट एजेंसियों में से एक है। इसकी स्थापना 26 अप्रैल 1967 को हुई थी तथा यह विशिष्ट एजेंसी 1974 में संयुक्त राष्ट्र संघ का अंग बनी। भारत 1975 में ही 'बौद्धिक संपदा संगठन' का सदस्य बन गया था। सन 2000 में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने प्रत्येक वर्ष 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस मनाने की घोषणा की, तब से प्रत्येक वर्ष *विश्व बौद्धिक संपदा संगठन* द्वारा विश्व स्तर पर *बौद्धिक संपदा दिवस* मनाया जाता है। आज दुनिया के *188* देश इसके सदस्य हैँ।
*उद्देश्य-*
किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा सृजित कोई रचना, संगीत, साहित्यिक कृति, कला, खोज, नाम अथवा डिजाइन आदि, उस व्यक्ति अथवा संस्था की *‘बौद्धिक संपदा’* कहलाती है। व्यक्ति अथवा संस्था को अपनी इन कृतियों पर प्राप्त अधिकार को ‘ *बौद्धिक संपदा अधिकार'* कहा जाता है।
*विश्व बौद्धिक संपदा दिवस* बौद्धिक संपदा अधिकारों (पेटेंट, ट्रेडमार्क, औद्योगिक डिजाइन, कॉपीराइट) की भूमिका के बारे में जागरुकता फैलाने तथा नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
' *यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर'* द्वारा प्रतिवर्ष *'अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक'* जारी किया जाता है। 53 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में बौद्धिक संपदा अधिकारों का मूल्यांकन कर हाल ही में मार्च, 2021 में जारी *'अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक- 2021'* में भारत को 40 वें स्थान पर रखा गया है। भारत ने 100 में से 38.4 अंक प्राप्त किए।
डॉ. मधु गुप्ता
सह-आचार्य, हिंदी विभागाध्यक्ष।
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