भारत ही नहीं, विश्व का कोई भी देश हो, उसके आर्थिक, सामाजिक, कलात्मक और सांस्कृतिक विकास में कौशल का महत्त्वपूर्ण योगदान माना जाता है। वस्तुतः मेरी दृष्टि में कौशल एक तपस्या है, एक ऐसी साधना है, जिसके द्वारा युवाओं को व्यावसायिक सशक्तता और सामर्थ्य प्रदान कर, आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया जा सकता है। देश काल के अनुरूप दिए गए इस प्रशिक्षण के माध्यम से न केवल युवाओं के जीवन में वरन, विश्व संस्कृति के हर घटक में अभूतपूर्व सकारात्मक और रचनात्मक परिवर्तन के साथ, मानव सभ्यता के विकास के अनंत क्षितिज खोले जा सकते हैं-
उन अनंत क्षितिजों के प्रथम तोरण द्वार पर माहेश्वरी गर्ल्स पी. जी. कॉलेज, प्रताप नगर के ब्लॉग 'MGPGC- सृजन-संसार' में आपका अन्तःस्थल से अभिनंदन।
"कौन कहता कि मौत आएगी, तो मैं मर जाऊंगी,
दरिया हूँ मैं, समन्दर में गहरे तक उतर जाऊंगी।"
क्या आपने कभी सोचा है कि कौन मुझे मेरे मरने के बाद भी जिंदा रखेगा? आज के संदर्भ में कहूँ, तो ये ब्लॉग की दुनिया मेरी जिंदगी में तो मेरे साथ है ही, मौत के बाद भी मेरा नाम और काम रहेगा ही रहेगा। ब्लॉग लेखन का काम करते हुए, अक्सर मुझे 'नदीम' का यह शेर याद आ जाता है। आज की यह ब्लॉग की दुनिया समंदर ही तो है, जिसमें मेरी जैसे न जाने कितने दरिया आकर समा जाते हैं। आइए, नदियों की कुछ उन धाराओं की बात करें, जो ब्लॉग के इस समंदर के सरताज़ बन गए हैं-
यदि आप ब्लॉग के बारे में जरा सा भी जानते हैं, तो आपने अमित अग्रवाल का नाम तो अवश्य सुना होगा-
अमित अग्रवाल, वो पहले भारतीय है, जिन्होंने ब्लॉगिंग कि दुनिया में अपना हाथ आज़माया और सफलता की ऊँचाइयों को स्पर्श किया। अमित अग्रवाल तकनीक के महारथी थे, और लेखन उनकी अभिरुचि थी। उन्होंने दोंनो का संगम कर, उसे एक मंच पर ला खड़ा किया। इस प्रकार वे भारत के पहले पेशेवर ब्लॉगर बन गए। उन्होंने सच्चे अर्थों में ब्लॉगिंग को व्यवसाय के रूप में स्थापित करने का महत्वाकांक्षी कदम उठाया और उस स्वप्न को साकार कर दिखाया। स्कूलिंग के बाद उन्होंने आई.आई.टी.-रुड़की से कंप्यूटर साइंस में अपनी बी.-टेक. की पढ़ाई पूरी कर, 5 साल शानदार उच्च प्रोफाइल और हाई पैकेज की नौकरी करने के पश्चात वर्ष 2004 में अपनी जन्मभूमि आगरा आकर Labnol (डिजिटल प्रेरणा) नामक एक तकनीकी ब्लॉग लॉन्च किया और आज वे करोड़ों के प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं।
यूँ तो आज हिंदी और अंग्रेजी ब्लॉग की दुनिया में हजारों लाखों व्यक्ति अपना करियर बना रहे हैं, पर आइए, आपका एक ऐसे हिंदी साहित्यकार से परिचय करवाती हूँ, जो आज हिंदी के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगरों में से एक माने जाते हैं-'रविन्द्र प्रभात'।
कविता के साथ-साथ 'रविन्द्र प्रभात' को व्यंग्य और ग़ज़ल लेखन के लिए प्रसिद्धि मिली पर आज उनकी पहचान ब्लॉग लेखक के रूप में स्थापित हो चुकी है। उन्होंने ही हिन्दी ब्लॉग आलोचना का सूत्रपात किया। उन्हें हिंदी ब्लॉगिंग जगत में 'न्यू मीडिया विशेषज्ञ' के तौर पर जाना जाता है। अब तक उन्हें ब्लॉगिंग के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है। ‘हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास’ लिखने वाले वे पहले भारतीय हैं। इनके ही प्रयासों से ब्लॉग साहित्यिक पुरस्कार 'परिकल्पना सम्मान' शुरू किया गया है। यह सम्मान प्रत्येक वर्ष आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन में देश-विदेश से आए जाने-माने ब्लॉगर्स की उपस्थिति में दिया जाता है। इस सम्मान को बहुचर्चित तकनीकी ब्लॉगर 'रवि रतलामी' ने ‘हिन्दी ब्लॉगिंग का ऑस्कर’ कहा है। आज साहित्यिक उत्सवों की तरह ही ‘ब्लॉगोत्सव’ के आयोजन भी शुरू हो गए हैं। इसके अंतर्गत प्रमुख रचनाकार एक मंच पर एकत्रित होकर नवागंतुक ब्लॉगर रचनाकारों को एक नया सकारात्मक संदेश दे रहे हैं। आपको भी आपकी स्वर्णिम संभावनाएं पुकार रही हैं।
ब्लॉग'MGPGC- सृजन-संसार' छात्राओं की ब्लॉग लेखन कला और रचनात्मक लेखकीय कौशल क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि कर, उन्हें प्रतिभा प्रदर्शन और धनार्जन दोंनो के लिए तैयार करेगा।
इसी महत्ता को देखते हुए ही, महाविद्यालय की छात्राओं को ब्लॉग क्रिएशन एंड डिजाइनिंग कोर्स करवाया गया है, जिसमें ब्लॉग बनाना, डिज़ाइन करना, पोस्ट कर उसे डिज़ाइन करना, पेज और टेम्पलेट बनाकर, उन्हें डिज़ायन करने के तरीके को चित्रों और पीपीटी के माध्यम से समझाने का एक लघु प्रयास किया गया। मुझे यह बताते हुए अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है कि महाविद्यालय का यह ब्लॉग 'MGPGC- सृजन-संसार' उन्हीं के सद्प्रयासों का परिणाम है। वे इसे उत्तरोत्तर समृद्ध कर श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम की यात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न करेंगी, ऐसा मेरा विश्वास है।
इस लघु प्रयास के मूल में प्रिंसिपल मैडम डॉ. शुभा शर्मा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। सॉफ्टवेयर डेवलपर श्री नितेश ज्योतिषी ने अपनी तकनीकी सहायता देकर हमारे इस कार्य को सुगम कर दिया, उनका हृदय से आभार। शिक्षा नवाचारों को प्राथमिकता प्रदान कर, उन्हें कार्यरूप में परिणति के लिए आवयश्क मंच उपलब्ध करवाने हेतु 'दी एजुकेशन कमेटी ऑव माहेश्वरी समाज, जयपुर' का अंतर्मन से साधुवाद।
डॉ.मधु गुप्ता
समन्वयक, ब्लॉग क्रिएटिंग सर्टिफिकेट कोर्स,
सह-आचार्य, माहेश्वरी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज,
सेक्टर-5, प्रताप-नगर, जयपुर।
यह निम्नलिखित कंटेंट केवल मोड्यूल बुक में मेरे वाले मैटर में अंत में जुड़ेगा।
बाकी मोड्यूल बुक में भी हम पांचों का यही मैटर फ़ोटो के साथ छपेगा।
आपको इस मॉड्यूल बुक में ब्लॉग- क्या, क्यों और कैसे जैसे प्रश्नों का उत्तर मिलेगा। इसमें ब्लॉग बनाना, डिज़ाइन करना, पोस्ट कर उसे डिज़ाइन करना, पेज और टेम्पलेट बनाकर, उन्हें डिज़ायन करने के तरीके को चित्रों के माध्यम से समझाने का एक लघु प्रयास किया गया है। कहीं कोई त्रुटि रह गई हो, तो आपके सुधी सुझाव मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
इस लघु प्रयास के मूल में प्रिंसिपल मैडम डॉ. शुभा शर्मा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। सॉफ्टवेयर डेवलपर श्री नितेश ज्योतिषी ने अपनी तकनीकी सहायता देकर हमारे इस कार्य को सुगम कर दिया, उनका हृदय से आभार। शिक्षा नवाचारों को प्राथमिकता प्रदान कर, उन्हें कार्यरूप में परिणति के लिए आवयश्क मंच उपलब्ध करवाने हेतु 'दी एजुकेशन कमेटी ऑव माहेश्वरी समाज, जयपुर' का अंतर्मन से साधुवाद।
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