मलेरिया दिवस

मलेरिया या दुर्वात एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है जो प्रोटोज़ोआ परजीवी द्वारा फैलता है।इसे 'दलदली बुखार' अंग्रेजी में marsh fever(मार्श फ़ीवर)भी कहा जाता था, क्योंकि यह दलदली क्षेत्रों में व्यापक रूप से फैलता था। 
आज हम सब जानते हैं कि मलेरिया मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से होता है। पर 1898 से पहले किसी को भनक भी नही थी कि यह मलेरिया आखिर फैलता कैसे है?
1898  पहली बार यह दावा किया गया कि मच्छर ही मलेरिया रोग को एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य तक फैलाते हैं। किंतु इसे अकाट्य रूप प्रमाणित करने का कार्य ब्रिटेन के *सर रोनाल्ड रॉस ने  भारत के सिकंदराबाद शहर में काम करते हुए,* 1898 में किया था। इन्होंने मच्छरों की विशेष जातियों से पक्षियों को कटवा कर, उन मच्छरों की लार ग्रंथियों से परजीवी अलग कर के दिखाया, जिन्हें उन्होंने संक्रमित पक्षियों में पाला था। इस कार्य हेतु उन्हें *1902 का चिकित्सा नोबेल पुरस्कार* मिला।
डॉ. मधु गुप्ता
सह-आचार्य, हिंदी विभागाध्यक्ष।

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